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झारखंड के इस नये स्कैम के आगे चारा घोटाला फेल, PHED कर्मी ने शहरी जलापूर्ति योजना के 20 करोड़ निकाले; निजी खातों में डाली राशि

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द फॉलोअप डेस्कः
रांची में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल सुखदेव नगर थाना क्षेत्र से पुलिस ने शहरी जल आपूर्ति योजना के 20 करोड़ रुपए गबन करने वाले पीएचईडी कर्मी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम संतोष कुमार है।  पुलिस ने आरोपी के पास से 50 लाख 98 हजार 500 सौ रुपये की बरामद भी किए हैं। मामला राजधानी रांची के पेयजल एवं स्वच्छता स्वर्णरखा शीर्ष कार्य प्रखंड का है जहां से आरोपी पर 20 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। 


4 करोड़ की राशि जब्त 
जानकारी के अनुसार, करोड़ों के गबन के आरोप में संतोष के खिलाफ रांची के सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी संतोष कुमार को सुखदेव नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर 50 लाख रुपए भी बरामद किए है। इसके साथ ही आरोपी के बैंक अकाउंट को फ्रिज करते हुए पुलिस ने 4 करोड़ से अधिक की राशि भी जब्त की है। 


कैसे दर्ज हुई एफआईआर
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक यह मामला 2019 से चल रहा था। दरअसल पेयजल विभाग ने वर्ष 2012 में एलएंडटी कंपनी को रांची में पाइपलाइन बिछाने का काम दिया था। यह करीब 200 करोड़ रुपए का था। कंपनी ने काम बीच में ही बंद कर दिया। इसके बाद विभाग के कुछ लोगों ने साजिश रची। किए हुए काम के बदले दोबारा फर्जी बिल बनाए। उस पर संबंधित लोगों के फर्जी हस्ताक्षर किए। ट्रेजरी में नया कोड खुलवाया। एलएंडटी को जो भुगतान हो गया था, उसका दोबारा भुगतान करा लिया। पहली बार वर्ष 2019 में 1.32 करोड़, वर्ष 2022 में 6 करोड़ और जून 2023 में 14 करोड़ रुपए ट्रेजरी से निकाले गए। ये पैसे एसबीआई, एक्सिस बैंक, आइसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में 15 से अधिक खातों में जमा किए गए। यह खेल लगातार चल रहा था। तभी पिछले साल जून में चंद्रशेखर वहां कार्यपालक अभियंता पद पर आए। इस अधिकारी के हस्ताक्षर से भी 60 करोड़ का चेक ट्रेजरी में जमा कर दिया गया था। 14 करोड़ की निकासी भी हो गई थी। जांच के लिए मामला विभाग में आया तो इसका खुलासा हुआ। फिर एफआईआर दर्ज कराई गई। 

बाबूलाल ने किया ट्वीट

इसे लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि "बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला की तर्ज पर झारखंड में भी @HemantSorenJMM की सरकार के दौरान पाइप लाइन घोटाला सामने आ रहा है।ऐसा लगता है जैसे कि बिहार के चारा चोरों ने झारखंड में अपने गैंग का विस्तार कर लिया है और झारखंड में उन्हें अपने मौसेरे भाई भी मिल गये है... 
बड़बोले पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के विभाग ने 2019-23 के दरम्यान पाइपलाइन घोटाले को अंजाम दिया है। पिछले 4 सालों के दौरान हेमंत सरकार में नंबर दो की भूमिका निभाने वाले मंत्री जी गढ़वा और पलामू में टेंडर मैनेज करने और बालू तस्करी को लेकर विवादों में रहे हैं। लेकिन धन लोभी मंत्री जी के विभाग ने फ़र्ज़ी चालान, फ़र्ज़ी कंपनी, फ़र्ज़ी बैंक एकाउंट्स बनाकर रांची ट्रेजरी से 21 करोड़ रुपये की अवैध निकासी कर ली है।
गौरतलब है कि, झारखंड की जनता पेयजल विभाग की लापरवाही के कारण पानी की एक-एक बूँद के लिए तरस रही है लेकिन आरोप है कि विभाग के लोग पैसों की बारिश से मालामाल हो रहे हैं। जमीन, बालू, पत्थर, कोयला घोटाले जैसे चरम भ्रष्टाचार से त्रस्त झारखंड राज्य के लिए पाइपलाइन घोटाला गंभीर मामला है। ED से अनुरोध है, मामले का संज्ञान लेकर शीघ्र आवश्यक कारवाई करें।

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